Stories by vishal mehta
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नारी
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#thirdquote
नारी
आधुनिकता के इस उजाले में, कुछ अंधेरा बाकी है,
कुछ बंधन टूट गए, कुछ तोड़ने बाकी है।
परिवर्तन...

गुजरता वक्त
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कहां गया वो लम्हा, जो चंद पलो पहले था,
कहा गया वो मुखड़ा, कुछ दुखड़ो के पीछे था।
दुख में अब चिंता नहीं,
सुख स...